हाल के मीडिया डेटा का विश्लेषण करने पर रियल एस्टेट में एक नया ट्रेंड उभरता दिख रहा है। मीडिया सूत्रों के अनुसार, निवेशक और घर खरीदार अब केवल प्रॉपर्टी के स्थान पर ध्यान देने के बजाय सही समय पर निवेश करना अधिक महत्वपूर्ण मान रहे हैं। सही समय पर निवेश करने से खरीदारों को बेहतर रिटर्न प्राप्त हो सकता है।

दशकों से घर खरीदने के लिए “स्थान” को सबसे महत्वपूर्ण कारक माना जाता रहा है। लेकिन अब जब अधिक से अधिक लोग स्थान के बजाय समय को प्राथमिकता दे रहे हैं, तो यह सवाल उठना लाज़मी है – क्या निवेश का सही समय वास्तव में स्थान से अधिक महत्वपूर्ण हो गया है?

बाजार की मौजूदा स्थिति में ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव और तेज़ी से हो रहे बुनियादी ढांचे के विकास जैसी बातें शामिल हैं। खरीदार अब यह महसूस कर रहे हैं कि यदि कोई टॉप लोकेशन की प्रॉपर्टी बाज़ार के चरम पर खरीदी जाती है, तो वह उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाती। वहीं, यदि कोई निवेशक किसी उभरते क्षेत्र में सही समय पर निवेश करता है, तो उसे बेहतर और कई गुना अधिक रिटर्न मिल सकता है।


इस बदलाव के पीछे मुख्य कारण

1. भीड़ से पहले प्रॉपर्टी खरीदना
कई खरीदार मानते हैं कि जिस प्रॉपर्टी की लोकप्रियता अभी नहीं बढ़ी है, उसे पहले खरीदना ज़्यादा फायदेमंद होता है। अक्सर देखा गया है कि जो खरीदार निर्माण-पूर्व या शुरुआती चरण में प्रॉपर्टी खरीदते हैं, उन्हें उन लोगों की तुलना में बेहतर लाभ मिलता है जो बाद में खरीदते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि बाज़ार के डाउनवर्ड या रिकवरी फेज़ में निवेश करने वालों को बेहतर रिटर्न मिलता है।

2. भविष्य की संभावनाएं
भारत में तेज़ी से बढ़ रही इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि सही समय पर किया गया निवेश कितना असरदार हो सकता है। निवेशक अब उन क्षेत्रों में प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं जहां भविष्य में कनेक्टिविटी या आर्थिक विकास की संभावना है। यह पहले से विकसित क्षेत्रों की तुलना में कम निवेश में भी बेहतर रिटर्न दिला सकता है।

3. सस्ती ब्याज दरें
वर्तमान में ब्याज दरें भी निवेश के फैसलों को प्रभावित कर रही हैं। खरीदार अब सस्ते लोन लेने के लिए रिज़र्व बैंक और अन्य नीतियों पर नज़र रख रहे हैं ताकि वे कम लागत पर प्रॉपर्टी खरीद सकें।

4. डेटा के आधार पर निर्णय लेना
रियल एस्टेट एनालिटिक्स और बढ़ी हुई पारदर्शिता के कारण अब निवेशकों को बाज़ार के ट्रेंड्स, उपलब्ध इन्वेंट्री और संभावित विकास की जानकारी पहले से ही मिल जाती है। इससे वे बेहतर रणनीति बना सकते हैं और सही समय पर निवेश का फैसला ले सकते हैं।

5. बदलता हुआ किराया बाज़ार
किराया एक अन्य तरीका है रियल एस्टेट से कमाई करने का। लेकिन कई बार किराया नियंत्रण कानूनों और कम रेंटल यील्ड के कारण निवेशकों का रुझान किराए की बजाय पूंजीगत लाभ (capital gains) की ओर हो गया है। इसलिए समय पर प्रॉपर्टी खरीदना और अधिक जरूरी हो गया है।


निष्कर्ष
जहां लोकेशन अभी भी एक अहम भूमिका निभाता है, वहीं निवेश का सही समय अब कहीं अधिक निर्णायक बनता जा रहा है। सही समय पर लिया गया फैसला, चाहे वह एक उभरते क्षेत्र में हो या कम ब्याज दरों पर, निवेशकों को अधिक और तेज़ लाभ दे सकता है।

यदि आप सोच रहे हैं कि रियल एस्टेट में कब निवेश करें – तो लोकेशन के साथ-साथ समय का भी विशेष ध्यान रखें

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