भूमि पूजन या भूमि पूजा एक धार्मिक अनुष्ठान है जो किसी भी घर या कार्यालय के निर्माण से पहले किया जाता है। यह पूजा भूमि देवी और वास्तु पुरुष को समर्पित होती है ताकि निर्माण कार्य बिना किसी विघ्न के सफलतापूर्वक पूर्ण हो।
भूमि पूजन क्या है?
‘भूमि’ का अर्थ है धरती, और ‘पूजन’ का अर्थ है पूजा। भूमि पूजन का उद्देश्य है देवी भूमि (धरती माता) और वास्तु पुरुष की आराधना करना। इसे नींव पूजन भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में भूमि पूजन करने से भूमि के दोष समाप्त होते हैं और कार्य में कोई बाधा नहीं आती।
मासिक भूमि पूजन मुहूर्त तिथियां 2025-26
जुलाई 2025
तिथि
दिन
समय
17 जुलाई
गुरुवार
सुबह 8:08 बजे से अगली सुबह 2:51 बजे तक
21 जुलाई
सोमवार
सुबह 5:37 बजे से अगले दिन 5:37 बजे तक
31 जुलाई
गुरुवार
रात 12:42 बजे से सुबह 4:59 बजे (1 अगस्त) तक
अगस्त 2025
तिथि
दिन
समय
1 अगस्त
शुक्रवार
शाम 6:11 बजे से 2 अगस्त सुबह 3:40 बजे तक
25 अगस्त
सोमवार
सुबह 5:56 बजे से 26 अगस्त सुबह 3:50 बजे तक
28 अगस्त
गुरुवार
सुबह 8:43 बजे से 11:48 बजे तक
30 अगस्त
शनिवार
दोपहर 2:37 बजे से 3:09 बजे तक
सितंबर 2025
तिथि
दिन
समय
3 सितंबर
बुधवार
सुबह 4:22 बजे से 4 सितंबर सुबह 6:01 बजे तक
4 सितंबर
गुरुवार
सुबह 6:01 बजे से रात 11:44 बजे तक
5 सितंबर
शुक्रवार
रात 11:38 बजे से 6 सितंबर दोपहर 4:13 बजे तक
13 सितंबर
शनिवार
शाम 6:12 बजे से 14 सितंबर सुबह 6:06 बजे तक
अक्टूबर 2025
तिथि
दिन
समय
22 अक्टूबर
बुधवार
रात 8:17 बजे से 23 अक्टूबर सुबह 1:52 बजे तक
23 अक्टूबर
गुरुवार
सुबह 4:51 बजे से 24 अक्टूबर सुबह 6:28 बजे तक
24 अक्टूबर
शुक्रवार
सुबह 6:28 बजे से 25 अक्टूबर सुबह 1:20 बजे तक
नवंबर 2025
तिथि
दिन
समय
3 नवंबर
सोमवार
दोपहर 3:06 बजे से 4 नवंबर सुबह 2:06 बजे तक
7 नवंबर
शुक्रवार
दोपहर 2:48 बजे से रात 9:16 बजे तक
10 नवंबर
सोमवार
शाम 6:48 बजे से 11 नवंबर आधी रात 12:08 बजे तक
17 नवंबर
सोमवार
सुबह 5:01 बजे से 18 नवंबर सुबह 6:46 बजे तक
28 नवंबर
शुक्रवार
दोपहर 12:28 बजे से 29 नवंबर रात 12:16 बजे तक
29 नवंबर
शनिवार
दोपहर 2:22 बजे से 30 नवंबर सुबह 6:56 बजे तक
दिसंबर 2025
तिथि
दिन
समय
4 दिसंबर
गुरुवार
शाम 6:41 बजे से 5 दिसंबर सुबह 6:00 बजे तक
5 दिसंबर
शुक्रवार
सुबह 7:00 बजे से 6 दिसंबर सुबह 7:00 बजे तक
6 दिसंबर
शनिवार
सुबह 7:00 बजे से 8:08 बजे तक
भूमि पूजन के लिए शुभ समय (लघ्न), नक्षत्र और तिथियाँ
शुभ नक्षत्र:
अनुराधा
उत्तरा फाल्गुनी
उत्तरा भाद्रपदा
रोहिणी
रेवती
पुष्य
हस्त
उत्तराषाढ़ा
मघा
स्वाति
चित्रा
शतभिषा
धनिष्ठा
शुभ तिथियाँ:
द्वितीया
तृतीया
पंचमी
सप्तमी
दशमी
एकादशी
त्रयोदशी
पूर्णिमा
शुभ लग्न:
वृष (Taurus)
मिथुन (Gemini)
सिंह (Leo)
कन्या (Virgo)
वृश्चिक (Scorpio)
धनु (Sagittarius)
कुंभ (Aquarius)
अशुभ समय/महीने
माह
कारण
चैत्र
कार्य में कठिनाइयाँ आती हैं
ज्येष्ठ
ग्रहों की स्थिति प्रतिकूल होती है
आषाढ़
आर्थिक नुकसान हो सकता है
श्रावण
धन हानि की आशंका
भाद्रपद
पारिवारिक कलह की संभावना
अश्विन
निर्माण से बचें
माघ
केवल पूर्व/पश्चिम दिशा वाले घर में कार्य संभव
भूमि पूजन विधि (Vidhi)
स्थल की सफाई – गंगाजल या पवित्र जल से भूमि को शुद्ध करें।
पंडित द्वारा पूजा – अनुभवी पंडित से मंत्रोच्चारण और विधिवत पूजा कराना उचित होता है।
मुख्य दिशा – ज़मीन मालिक को पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए।
देवी-देवताओं की मूर्ति स्थापना – श्री गणेश, लक्ष्मी, नागदेव और कलश की पूजा करें।
नारियल रखना – कलश पर नारियल रखें और पूजन करें।
भूमि में खोदाई – भूमि में एक छोटा गड्ढा खोदकर नींव की ईंट रखें।
इस मंत्र का अर्थ है: “हम वसुन्धरा देवी का ध्यान करते हैं, जो हमें सब कुछ प्रदान करती हैं, वे हमें आशीर्वाद दें।”
निष्कर्ष
2025-26 में यदि आप नए घर या भवन निर्माण की योजना बना रहे हैं, तो उपरोक्त बताई गई भूमि पूजन की तिथियां, शुभ मुहूर्त, नक्षत्र, और पूजा विधि अवश्य ध्यान में रखें। यदि निर्धारित महीनों में कोई शुभ मुहूर्त नहीं हो, तो अपनी जन्म कुंडली के अनुसार पंडित से परामर्श करके वैकल्पिक दिन चुना जा सकता है।
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