RBI Repo Rate: RBI एक बार फिर से होम लोन लेने वालों लोगों को खुशखबरी देने जा रही है। दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति को लेकर एक नई रिपोर्ट सामने आई है। यह रिपोर्ट  HSBC ग्लोबल रिसर्च ने जारी की है। इस रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि केंद्रीय बैंक यानी आरबीआई Repo Rate में फिर से 25 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती कर सकता है। आपको बता दें कि बीते जून महीने में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती की थी। रेपो रेट में कटौती से होम लोन लेना सस्ता हो जाता है और EMI घट जाती है।

HSBC की रिपोर्ट में क्या है

HSBC ग्लोबल रिसर्च की एक रिपोर्ट जारी हुई है। इस रिपोर्ट के अनुसार, रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट्स की और कटौती हो सकती है। यह फैसला दिसंबर में होने वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में लिया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो रेपो रेट 5.25 फीसदी पर आ सकता है। यह दावा इस आधार पर किया जा रहा है कि बीते कुछ महीनों में महंगाई में गिरावट आई है और अर्थव्यवस्था में धीमेपन है। इसी वजह से, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि RBI जल्द ही रेपो रेट में कटौती कर सकता है। अगर RBI Repo Rate में कटैती करता है तो Home Loan EMI सस्ती हो जाएगी। ऐसा होना घर खरीदने का सपना देखने वालों के साथ साथ लोन पर कार या बाइक खरीदने वाले लोगों के लिए भी अच्छा रहेगा। HSBC ग्लोबल रिसर्च की रिपोर्ट की खबर इकोनॉमिक टाइम्स में छपी है।

RBI गवर्नर ने Repo Rate पर क्या कहा है

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में एक TV इंटरव्यू में कहा कि मौजूदा खुदरा मुद्रास्फीति दर छह साल के निचले स्तर पर है। अगर ऐसा ही आगे भी रहा तो ब्याज दरों में एक बार फिर से कटौती की गुंजाइश बन सकती है। संजय मल्होत्रा का कहना है कि आरबीआई की RBI मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने और सस्ता लोन उपलब्ध कराने से कहीं आगे की है। आर्थिक विकास का ध्यान रखना भी उतना ही ज़रुरी है। आपको बता दें कि जून के मुद्रास्फीति के आँकड़े जारी हुए हैं, जिसमें खुदरा मुद्रास्फीति छह साल के निचले स्तर पर दिखाई गई है। यह आँकड़ा RBI के पहले के 3.7% के अनुमान से भी कम है।

रेपो रेट क्या है

RBI द्वारा तय की जाने वाली Repo Rate यह वह दर है जिस जिस पर रिजर्व बैंक दूसरे बैंकों को कर्ज या ऋण देता है। यानी जैसे आप किसी बैंक से लोन लेते हैं तो वह आपके कुछ ब्याज लेता है। ठीक वैसे ही RBI भी जब दूसरे बैंकों को लोन देता है तो उनसे ब्याज लेता है। ब्याज की यही दर रेपो रेट कही जाती है। अगर रेपो रेट बढ़ती है तो बैंकों को रिजर्व बैंक से महंगी दर पर कर्ज मिलेगा। और जब वह बैंक आम नागरिकों को लोन देंगे तो वह अधिक ब्याज लेंगे और इस तरह कर्ज महंगे हो जायेंगे।

कैसे कम होगी आपके Home Loan की EMI

मान लीजिए आपने 50 लाख रुपये का होम लोन लिया है। इस लोन की अवधि 20 साल है। अब अगर 7.9% के हिसाब से 20 साल के लिए 50 लाख रुपये तक का लोन लिया गया है, तो हर महीने 41,511 रुपये ईएमआई के रूप में देने पड़ेंगे। लेकिन, अगर बैंक ब्याज दर कम करके इसे 7.4% कर दे तो आपकी ईएमआई ₹39,974 रुपये हो जाएगी। इस तरह आपको हर महीने 1537 रुपये की बचत होगी। और बैंक ब्याज दर तभी कम करेगी जब RBI Repo Rate में कटौती करे।

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